पथरी (अशमरी)-स्टोन-
आज के खान पान,जीवन शैली,दिनचर्या मे ये रोग होना आम बात है ! किसी भी उम्र मे पुरुष और महिला को ये रोग हो सकता है ! पर देखा जाये तो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषो मे यह रोग होने की अधिक सम्भावना होती है !
पथरी हमारे शरीर के दो अंगो को प्रभावित करती है -
1. पित्त की थेली ( gallbladder ) और
2. किडनी ( kideny ) को
अगर हम पित्त की थेली ( gallbladder ) की बात करें तो यह भयानक पीडा देती है " इसका दर्द असहनीय होता है !
जब तक पथरी पित्ताशय मे पडी रहती है तब तक तो ठीक है परंतु जब यह पित्त स्त्रोत मे आकर अटक जाती है ! तो भयानक दर्द पैदा करती है ! इसमे रोगी को असहनीय दर्द के साथ बेचैनी, घबराहट,और छटपटाहट होती है !
ये शुरूवात मे रेत के दाने जेसी होती है समय पर उपचार ना मिलने पर इस पर परत दर परत चडती जाती है और ये एक बडे पत्थर का रूप ले लेती है !
पथरी के कारण -
हमारा खान पान, दिनचर्या, शरीर मे पानी की कमी , मांसपेशियों मे एंठन पथरी रोग होने के मुख्य कारण है !
उपचार -
पथरी होने पर मुख्य रूप से परहेज करना आवश्यक है !भोजन मे तीखा,बासी,खटाई,घरिश वाला व चिकने देर से पचने वाले आहार ना लें !गैस कब्ज ना होने दें ! मांस व अंडे का सेवन ना करें !
हलका भोजन करें ,खाने मे तरल चीज़ो का प्रयोग करें ! पित्ताशय मे पथरी का मुख्य कारण पाचन क्रिया मे गड़बड़ है "इसलिये वात बडाने वाला वसा युक्त भोजन ना लें ! वर्ना स्थिती बिगड़ सकती है और असहनीय दर्द हो सकता है !
अगर आप चाह कर भी पेट साफ़ नही रख पा रहे है तो उपवास करें ! तरल पदारथ जेसे नींबू का रस,चुकन्दर का रस,संतरे का रस,मुली का रस का सेवन करें !
जैतून का तेल ( olive oil ) एक एक चम्मच दिन मे दो बार लें !
अयुर्वेदिक ओशधि -स्टोन ब्रोकन पावडर( stone broken powder)-
इसके अलावा आयुर्वेद मे एसी अमूल्य जडीबूटीयां दी गई है ! जिनके सेवन से आप पथरी से छुटकारा पा सकते है !
स्टोन ब्रोकन पावडर के घटक-
1. गोखरू फल
2. गूडहल के फूल
3. वरून छाल
4. पुन्र्मवा
5. पाशण भेद
6. कुल्ठी के बीज
7. सहजन की जड़
स्टोन ब्रोकन पावडर बनाने की विधि -
सभी जडीबूटीयों को मिला कर पीस कर चुरन बना लें .
स्टोन ब्रोकन पावडर सेवन विधि -
एक चम्मच चुरन का काढा बना के सेवन करें !
नोट -
एलोपेथिक मे पथरी का इलाज ओपरेशन द्वारा किया जाता है ! परंतु यदि हम आयुर्वेदिक उपचार करें तो किडनी की पथरी आसानी से मुत्र मार्ग द्वारा निकल जाती है ! पित्त की थेली की पथरी के लिये उपचार लंबे समय तक चलता है ! क्युकि पित्त की थेली का मार्ग बहुत छोटा होता है !
हमारे शरीर के हर अंग का अपना एक महत्व होता है ! ओपरेशन कर के पित्त की थेली निकलवाने से पहले एक बार आयुर्वेदिक उपचार जरुर करें !
ये अयुर्वेदिक ओशधि पथरी को तोड़ कर बाहर निकाल देती है साथ ही दर्द से भी राहत दिलाती है !
ये दवाइ v.p.p. द्वारा भेजी जा सकती है !
अगर आप ये दवाइ मंगवाने के ईच्छूक है तो call या whatsapp करें 9074120012
आज के खान पान,जीवन शैली,दिनचर्या मे ये रोग होना आम बात है ! किसी भी उम्र मे पुरुष और महिला को ये रोग हो सकता है ! पर देखा जाये तो महिलाओं की अपेक्षा पुरुषो मे यह रोग होने की अधिक सम्भावना होती है !
पथरी हमारे शरीर के दो अंगो को प्रभावित करती है -
1. पित्त की थेली ( gallbladder ) और
2. किडनी ( kideny ) को
अगर हम पित्त की थेली ( gallbladder ) की बात करें तो यह भयानक पीडा देती है " इसका दर्द असहनीय होता है !
जब तक पथरी पित्ताशय मे पडी रहती है तब तक तो ठीक है परंतु जब यह पित्त स्त्रोत मे आकर अटक जाती है ! तो भयानक दर्द पैदा करती है ! इसमे रोगी को असहनीय दर्द के साथ बेचैनी, घबराहट,और छटपटाहट होती है !
ये शुरूवात मे रेत के दाने जेसी होती है समय पर उपचार ना मिलने पर इस पर परत दर परत चडती जाती है और ये एक बडे पत्थर का रूप ले लेती है !
पथरी के कारण -
हमारा खान पान, दिनचर्या, शरीर मे पानी की कमी , मांसपेशियों मे एंठन पथरी रोग होने के मुख्य कारण है !
उपचार -
पथरी होने पर मुख्य रूप से परहेज करना आवश्यक है !भोजन मे तीखा,बासी,खटाई,घरिश वाला व चिकने देर से पचने वाले आहार ना लें !गैस कब्ज ना होने दें ! मांस व अंडे का सेवन ना करें !
हलका भोजन करें ,खाने मे तरल चीज़ो का प्रयोग करें ! पित्ताशय मे पथरी का मुख्य कारण पाचन क्रिया मे गड़बड़ है "इसलिये वात बडाने वाला वसा युक्त भोजन ना लें ! वर्ना स्थिती बिगड़ सकती है और असहनीय दर्द हो सकता है !
अगर आप चाह कर भी पेट साफ़ नही रख पा रहे है तो उपवास करें ! तरल पदारथ जेसे नींबू का रस,चुकन्दर का रस,संतरे का रस,मुली का रस का सेवन करें !
जैतून का तेल ( olive oil ) एक एक चम्मच दिन मे दो बार लें !
अयुर्वेदिक ओशधि -स्टोन ब्रोकन पावडर( stone broken powder)-
इसके अलावा आयुर्वेद मे एसी अमूल्य जडीबूटीयां दी गई है ! जिनके सेवन से आप पथरी से छुटकारा पा सकते है !
स्टोन ब्रोकन पावडर के घटक-
1. गोखरू फल
2. गूडहल के फूल
3. वरून छाल
4. पुन्र्मवा
5. पाशण भेद
6. कुल्ठी के बीज
7. सहजन की जड़
स्टोन ब्रोकन पावडर बनाने की विधि -
सभी जडीबूटीयों को मिला कर पीस कर चुरन बना लें .
स्टोन ब्रोकन पावडर सेवन विधि -
एक चम्मच चुरन का काढा बना के सेवन करें !
नोट -
एलोपेथिक मे पथरी का इलाज ओपरेशन द्वारा किया जाता है ! परंतु यदि हम आयुर्वेदिक उपचार करें तो किडनी की पथरी आसानी से मुत्र मार्ग द्वारा निकल जाती है ! पित्त की थेली की पथरी के लिये उपचार लंबे समय तक चलता है ! क्युकि पित्त की थेली का मार्ग बहुत छोटा होता है !
हमारे शरीर के हर अंग का अपना एक महत्व होता है ! ओपरेशन कर के पित्त की थेली निकलवाने से पहले एक बार आयुर्वेदिक उपचार जरुर करें !
ये अयुर्वेदिक ओशधि पथरी को तोड़ कर बाहर निकाल देती है साथ ही दर्द से भी राहत दिलाती है !
ये दवाइ v.p.p. द्वारा भेजी जा सकती है !
अगर आप ये दवाइ मंगवाने के ईच्छूक है तो call या whatsapp करें 9074120012